
माँ का दूध: नवजात शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार
माँ का दूध: नवजात शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार
परिचय
माँ का दूध नवजात शिशु के लिए प्रकृति द्वारा दिया गया सबसे उत्तम उपहार है। यह न केवल शिशु के शारीरिक विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है, बल्कि उसके मानसिक, भावनात्मक और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मज़बूत करता है। जन्म के तुरंत बाद माँ का पहला दूध (जिसे ‘कोलोस्ट्रम’ कहा जाता है) अत्यधिक लाभकारी होता है और इसे नवजात को ज़रूर दिया जाना चाहिए।
माँ के दूध के प्रमुख लाभ
1. पूर्ण पोषण
माँ का दूध शिशु के पहले छह महीनों तक सभी आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करता है। इसमें प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज, एंज़ाइम और पानी संतुलित मात्रा में होते हैं।
2. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
माँ के दूध में एंटीबॉडीज़ (प्रतिरोधक तत्व) होते हैं जो शिशु को संक्रमण, सर्दी-ज़ुकाम, डायरिया, न्यूमोनिया और अन्य बीमारियों से बचाते हैं।
3. पाचन में सहायक
माँ का दूध आसानी से पच जाता है। इससे शिशु को पेट संबंधी समस्याएँ जैसे गैस, कब्ज़, या उल्टी की शिकायत नहीं होती।
4. मानसिक और भावनात्मक विकास
स्तनपान के दौरान माँ और शिशु के बीच गहरा भावनात्मक संबंध बनता है, जिससे शिशु को मानसिक सुरक्षा और आत्मीयता की भावना मिलती है।
5. बीमारियों से बचाव
स्तनपान करने वाले बच्चों में मधुमेह, मोटापा, एलर्जी, और हृदय रोग जैसी बीमारियाँ होने की संभावना कम होती है।
6. माँ के लिए भी लाभकारी
माँ को स्तनपान कराने से प्रसव के बाद गर्भाशय जल्दी संकुचित होता है, रक्तस्राव कम होता है और माँ का वजन जल्दी घटता है। साथ ही, स्तनपान से स्तन कैंसर और ओवरी कैंसर की संभावना भी कम होती है।
स्तनपान की सही अवधि
जन्म के पहले घंटे में ही शिशु को माँ का दूध देना शुरू कर देना चाहिए।
शिशु को पहले छह महीने तक केवल माँ का दूध देना चाहिए, बिना पानी या अन्य भोजन के।
छह महीने के बाद भी, पूरक आहार के साथ दो साल या उससे अधिक समय तक स्तनपान जारी रखा जा सकता है।
निष्कर्ष
माँ का दूध नवजात शिशु के लिए जीवनदायिनी अमृत है। यह न केवल शिशु के स्वस्थ विकास की नींव रखता है, बल्कि उसे जीवनभर की कई बीमारियों से भी बचाता है। इसलिए हर माँ को स्तनपान के महत्व को समझना चाहिए और शिशु के बेहतर भविष्य के लिए इसे अपनाना चाहिए।
Leave a reply