
दिल्ली-एनसीआर में फिर बिगड़ी हवा: प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुँचा
दिल्ली-एनसीआर में फिर बिगड़ी हवा: प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुँचा
नई दिल्ली, 16 अप्रैल 2025 — दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र एक बार फिर वायु प्रदूषण की चपेट में आ गया है। मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) राजधानी के कई इलाकों में 400 के पार पहुँच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। मौसम विभाग और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, आगामी दिनों में प्रदूषण में और वृद्धि की आशंका है।
पराली और वाहनों ने बढ़ाई चिंता
विशेषज्ञों के अनुसार, पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में हाल ही में तेज़ी आई है, जिससे दिल्ली की हवा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इसके साथ ही बढ़ती ट्रैफिक भी वायु गुणवत्ता को और खराब कर रही है। दिल्ली में प्रतिदिन लाखों वाहन चलते हैं, जो PM2.5 और PM10 जैसे सूक्ष्म कणों को वातावरण में छोड़ते हैं।
पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. नितिन शर्मा के अनुसार, “वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्य की धूल, और पड़ोसी राज्यों से आने वाला पराली का धुआं मिलकर एक जहरीला मिश्रण बना रहे हैं, जिससे सांस लेना भी मुश्किल हो गया है।”
स्वास्थ्य पर गंभीर असर
प्रदूषित हवा का सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों में सांस की समस्याओं, खांसी, और आंखों में जलन की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की संख्या में 25% की वृद्धि दर्ज की गई है। डॉक्टरों ने खास तौर पर बच्चों, बुज़ुर्गों और पहले से अस्थमा या हृदय रोग से पीड़ित लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
डॉ. शालिनी मिश्रा, एम्स (AIIMS) की पल्मोनोलॉजिस्ट, कहती हैं, “दिल्ली की हवा इन दिनों धूम्रपान से भी ज़्यादा नुकसानदायक हो गई है। जो लोग रोजाना बाहर जाते हैं, वे लगभग 15-20 सिगरेट पीने के बराबर प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं।”
सरकार के प्रयास
दिल्ली सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए ‘ग्रैप’ (Graded Response Action Plan) के तहत कई कदम उठाए हैं। इनमें स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करना, निर्माण कार्य पर रोक, और ट्रकों की एंट्री पर नियंत्रण जैसे प्रावधान शामिल हैं।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम तब तक कारगर नहीं होंगे, जब तक दीर्घकालिक रणनीति नहीं बनाई जाती। इसमें हरित ईंधनों को बढ़ावा देना, सार्वजनिक परिवहन को सुदृढ़ करना और पराली के स्थायी समाधान को प्राथमिकता देना जरूरी है।
नागरिकों से अपील
सरकार और विशेषज्ञों ने नागरिकों से अपील की है कि वे घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करें, अधिक से अधिक सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें और खुले में कचरा न जलाएं।
निष्कर्ष
दिल्ली-एनसीआर एक बार फिर प्रदूषण के गंभीर संकट से गुजर रहा है। ऐसे में सरकार, समाज और हर नागरिक को मिलकर काम करना होगा, ताकि आने वाली पीढ़ियों को एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण मिल सके।
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